तो फिर...........
फोटो - धीरेंन्द्र गुर्जर |
फिर भी लवों पे मुस्कान क्यूं है,
जिन्दगी जीते हैं हम,
फिर भी हर कोई परेशान क्यों है,
गुलशन है अगर सफर जिन्दगी का
तो फिर .............
इसकी मंजिल शमशान क्यूं है,
अगर जुदाई है प्यार का मतलब,
तो फिर..............
प्यार करने वाला हैरान क्यूं है
अच्छा कर्म करना ही जिन्दगी है
तो फिर........................
बुराई का रास्ता इतना आसान क्यूं है,
गर जिन्दगी है मरने के लिऐ
तो फिर ..............
जिन्दगी एक बरदान क्यूं है
जो कभी ना मिले उससे ही लग जाता है दिल,
तो फिर ................
दिल इतना नादान क्यूं है ा
मनमोहन कसाना
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार (28-12-2012) के चर्चा मंच-११०७ (आओ नूतन वर्ष मनायें) पर भी होगी!
सूचनार्थ...!