meri pahli kavitao ki kitab aa rahi h chahalkadmi jisme 40 writer h
satiya premi sangh ke dawara prakashit
satiya premi sangh ke dawara prakashit
एक ऐसा शोर,एक ऐसी हलचल,
जो अंतरमन को झंकृत कर दे,
आँखों में नमी भर दे,
और स्मृति पटल पर पुनः उन धुँधली रेखाओं को,
जो अंतरमन को झंकृत कर दे,
आँखों में नमी भर दे,
और स्मृति पटल पर पुनः उन धुँधली रेखाओं को,
निमंत्रण दे,
जिनकी परछायी में वेदनाओं व घावों का मरहम है।
वह होकर भी नहीं है,
और ना होकर भी है,
क्योंकि उसका होना ना होना तब तक मायने रखता है,
जब तक मै होता हूँ
और आज मै,मै नहीं हूँ,
नया रुप,नयी शक्ल,नये भाव,
शब्दों की फसलों से भरी जमी,
और शंकाओं के बादल से भरा आसमां
शायद आने वाला है कोई,
तभी तो मौन ने भी मुखरता दिखायी है,
हर शब्द में फिर जान आयी है।
और स्थिर,शांत विचारों के घर में,
हो रही है फिर,
शब्दों की चहलकदमी........
जिंदगी एक ऐसा फलसफा,
जहां है सुख और दुख की चहलकदमी,
ह्रदय एक ऐसा स्थान,
जहां है भावनाओं और संवेदनाओं की चहलकदमी,
मस्तिष्क है वो जीवंत स्थल,
जहां है विचारों की चहलकदमी,
और जब ये सारे मिल कर लेखनी से,
उकेरे जाये कोरे पन्नों पर,
तो बनती है,
शब्दों की चहलकदमी.............
और जब होती है ऐसी चहलकदमी,
तो क्रांति का सूत्रपात होता है,
नये युग के उस सूर्य की प्रतिमा,
स्थापित होती है,
जिसकी रौशनी में कोलाहल है,
जिसकी छवि में परिवर्तन का नया दौर है।
वह उस दुनिया के आसमां पर,
उगने वाला सूर्य है,
जहां शब्दों से ही स्थिरता व चंचलता को,
नियंत्रीत किया जाता है,
जहां पर शब्द ही लिखते है,
जीवन की कहानी,
और शब्द ही देते है क्षणभंगुर तन को,
गति की सार्थकता,
और वही गति परिभाषित करती है,
हजारों घोड़ों के दौडंते झुंड की,
चल शक्ति का,
सुनो धीरे से होने वाली है फिर,
पंक्तियों से एक शब्द की कमी,
क्योंकि सारे शब्द आज कर रहे है,
शब्दों की चहलकदमी............।
जिनकी परछायी में वेदनाओं व घावों का मरहम है।
वह होकर भी नहीं है,
और ना होकर भी है,
क्योंकि उसका होना ना होना तब तक मायने रखता है,
जब तक मै होता हूँ
और आज मै,मै नहीं हूँ,
नया रुप,नयी शक्ल,नये भाव,
शब्दों की फसलों से भरी जमी,
और शंकाओं के बादल से भरा आसमां
शायद आने वाला है कोई,
तभी तो मौन ने भी मुखरता दिखायी है,
हर शब्द में फिर जान आयी है।
और स्थिर,शांत विचारों के घर में,
हो रही है फिर,
शब्दों की चहलकदमी........
जिंदगी एक ऐसा फलसफा,
जहां है सुख और दुख की चहलकदमी,
ह्रदय एक ऐसा स्थान,
जहां है भावनाओं और संवेदनाओं की चहलकदमी,
मस्तिष्क है वो जीवंत स्थल,
जहां है विचारों की चहलकदमी,
और जब ये सारे मिल कर लेखनी से,
उकेरे जाये कोरे पन्नों पर,
तो बनती है,
शब्दों की चहलकदमी.............
और जब होती है ऐसी चहलकदमी,
तो क्रांति का सूत्रपात होता है,
नये युग के उस सूर्य की प्रतिमा,
स्थापित होती है,
जिसकी रौशनी में कोलाहल है,
जिसकी छवि में परिवर्तन का नया दौर है।
वह उस दुनिया के आसमां पर,
उगने वाला सूर्य है,
जहां शब्दों से ही स्थिरता व चंचलता को,
नियंत्रीत किया जाता है,
जहां पर शब्द ही लिखते है,
जीवन की कहानी,
और शब्द ही देते है क्षणभंगुर तन को,
गति की सार्थकता,
और वही गति परिभाषित करती है,
हजारों घोड़ों के दौडंते झुंड की,
चल शक्ति का,
सुनो धीरे से होने वाली है फिर,
पंक्तियों से एक शब्द की कमी,
क्योंकि सारे शब्द आज कर रहे है,
शब्दों की चहलकदमी............।
About
40 काव्य हलचल:सम्पादकःसत्यम शिवम
Description
काव्य संग्रह (सजिल्द)
'साहित्य प्रेमी संघ' (www.sahityapremisangh.com) एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसने अब तक सौ से भी ज्यादा नवागंतुक कवियों को मौका दिया है, और उनकी कविताओं को जनमानस तक पहुँचाया है। साहित्य को सुदृढ़ करने हेतु किये गये अपने अनेक साहित्यिक प्रयासों के बाद यह पुनः आपके समक्ष लेकर आया है एक अनमोल काव्य-संग्रह जिसमें ४० काव्य हलचलों की चहलकदी है।
सम्मिलित कवियों की सूचीः
अभिषेक सिन्हा
अर्चना नायडू
देवेन्द्र शर्मा
दिनेश गुप्ता
हेमंत कुमार दुबे
लक्ष्मी नारायण लहरे
नीलिमा शर्मा
नीरज द्विवेदी
पवन कुमार परासर
प्रदीप तिवारी
रविश 'रवि'
रेखा किरान
रेखा श्रीवास्तव
रुमी बाग्गा
सतीश मापतपुरी
श्यामल सुमन
सुमन मिश्रा
सुमित तिवारी
सुषमा वर्मा
विभोर गुप्ता
विश्वजीत सपन
आदर्शिनी श्रीवास्तव
अंजू चौधरी
कविता विकास
मुकेश कु. सिन्हा
प्रीत अरोड़ा
पुरुषोतम वाजपेयी
रागिनी मिश्र
सरस दरबारी
सोनल रस्तोगी
वंदना गुप्ता
गरिमा पान्डेय
प्रियंका जैन
रोशी अग्रवाल
शैल सिंह
संजय भास्कर
नीरज विजय
मनमोहन कसाना
राम प्रकाश शर्मा
सुरेश चौधरी
पुस्तक जल्द ही flipkart.com पर विक्रय के लिये उपलब्ध होगी। आप सभी साहित्य प्रेमी वहाँ से पुस्तक खरीद सकते हैं।
साथ ही "साहित्य प्रेमी संघ" की आगामी पत्रिका "सृजक" की जानकारी यहां से प्राप्त करे...
https://www.facebook.com/Srijakhindi
'साहित्य प्रेमी संघ' (www.sahityapremisangh.com) एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसने अब तक सौ से भी ज्यादा नवागंतुक कवियों को मौका दिया है, और उनकी कविताओं को जनमानस तक पहुँचाया है। साहित्य को सुदृढ़ करने हेतु किये गये अपने अनेक साहित्यिक प्रयासों के बाद यह पुनः आपके समक्ष लेकर आया है एक अनमोल काव्य-संग्रह जिसमें ४० काव्य हलचलों की चहलकदी है।
सम्मिलित कवियों की सूचीः
अभिषेक सिन्हा
अर्चना नायडू
देवेन्द्र शर्मा
दिनेश गुप्ता
हेमंत कुमार दुबे
लक्ष्मी नारायण लहरे
नीलिमा शर्मा
नीरज द्विवेदी
पवन कुमार परासर
प्रदीप तिवारी
रविश 'रवि'
रेखा किरान
रेखा श्रीवास्तव
रुमी बाग्गा
सतीश मापतपुरी
श्यामल सुमन
सुमन मिश्रा
सुमित तिवारी
सुषमा वर्मा
विभोर गुप्ता
विश्वजीत सपन
आदर्शिनी श्रीवास्तव
अंजू चौधरी
कविता विकास
मुकेश कु. सिन्हा
प्रीत अरोड़ा
पुरुषोतम वाजपेयी
रागिनी मिश्र
सरस दरबारी
सोनल रस्तोगी
वंदना गुप्ता
गरिमा पान्डेय
प्रियंका जैन
रोशी अग्रवाल
शैल सिंह
संजय भास्कर
नीरज विजय
मनमोहन कसाना
राम प्रकाश शर्मा
सुरेश चौधरी
पुस्तक जल्द ही flipkart.com पर विक्रय के लिये उपलब्ध होगी। आप सभी साहित्य प्रेमी वहाँ से पुस्तक खरीद सकते हैं।
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